शनिवार, 14 नवंबर 2015

भूमिका - नारी तेरी  यही कहानी क्यों 


नारी तेरी यही कहानी क्यों जन्म लेते ही मार देना 
या जन्म भर दुखित -प्रताडिदित  रहना
नारी तेरी यही कहानी क्यों आँचल में दूध अंखियो में  पानी
नारी तेरी यही कहानी  कयु तुझे मिले झूठन बचपन  से ही भाई को मिले  माखन मिश्री
नारी तेरी यही कहानी क्यों भाई को मिले नए खिलोने तुझे इस्तेमाल किये खिलोने क्यों
नारी तेरी यही कहानी क्यों तुझे मिले गुड़िया   भाई को मिले गाड़ी  खिलौना
क्यों गाड़ी लड़कियों के लिए नहीं
नारी तेरी यही कहानी क्यों भाई बड़ा
तू छोटी  फिर भी
भाई को गोदी में उठाये फिरे
नारी तेरी यही कहानी क्यों
                             तू  बाबुल  के आँगन को  महकती
                             तू  ससुराल  में सुख समृद्धि  लती 
तू ससुराल को अपना बनाये मायके को अपना बनाये
फिर भी तू ही परायी
नारी तेरी यही कहानी  क्यों
पति मारे - पीटे  फिर  भी
तुझे ही उसी पति के लिए करवाचौथ रखना  पड़े 


                  व्रत    न  रखे  तो तू ही
                 प्रताड़ित  होती क्यों
               नारी तेरी यही कहानी क्यों
              हर बार  अग्निपरीक्षा  तेरे हिस्से क्यों
                कोई शीलभंग  करे  फिर
              शर्म तेरे हिस्से
               और  वो खुलेआम घूमे
             तेरी शादी  ना होती
           और उसके रिश्तों की लाइन  लगी  रहती क्यों
          वीडियो  लड़की  का बना  तो लड़की की इज्जत गयी
          लड़के की नहीं क्यों
         आखिर  सारी  बंदिशे  लड़कियों के लिए
ऐसे उठो ऐसे बैठो ऐसे चलो ऐसे हसो
आखिर क्यों
भाई ने गलत  किया तो भी लड़की भुगतती  है
पति ने गलत किया तो बेटी भुगतती है
ऐसा क्यों
नारी तेरी यही कहानी क्यों 

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